भारत में विधायिका परिषद की स्थिति:
भारतीय संविधान में विधायिका परिषद को एक उपनिदेशक और संरक्षणात्मक संस्था के रूप में प्रस्तुत किया गया है। विधायिका परिषद राज्य विधायिकाओं का दुवारा बनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य विधायिकाओं की जांच की जाने वाली उच्च स्तरीय विधायिका की स्थापना करना है।
निम्नलिखित हैं विधायिका परिषद की मुख्य विशेषताएँ:
- द्विभाषी प्रणाली: विधायिका परिषद द्विभाषी होती है, यानी उसमें दोनों राज्यों की भाषाओं का प्रयोग होता है।
- अनुच्छेद 169: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में विधायिका परिषद की विशेष व्यवस्था और उसके संरचना को स्थापित किया गया है।
- सदस्यों की संख्या: विधायिका परिषद में सदस्यों की संख्या विभिन्न राज्यों के आधार पर निर्धारित की जाती है, लेकिन यह 1/3 तक विधायिका सदस्यों की संख्या के बराबर होती है।
- सदस्यों का चयन: विधायिका परिषद के सदस्यों का चयन निर्वाचनों द्वारा होता है, लेकिन उनकी चयन प्रक्रिया अलग होती है।
- उद्देश्य: विधायिका परिषद का मुख्य उद्देश्य विधायिकाओं के सदस्यों की उच्चतम स्तरीय जांच की सुनवाई करना होता है।
- संरक्षणात्मक भूमिका: विधायिका परिषद की संरक्षणात्मक भूमिका होती है, जो राज्यीय विधायिका के कानूनों को उच्चतम न्यायिक प्राधिकृत कोर्ट में स्वीकृति और जांच करने के लिए योग्य होती है।
- उद्धारण राज्य: विधायिका परिषद के उद्धारण राज्यों में केवल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, जम्मू और कश्मीर और करला में होते हैं।
भारत में विधायिका परिषद का यह महत्वपूर्ण पदानुक्रम है, जिसका उद्देश्य राज्यीय विधायिका में न्यायिक जांच की सुनवाई करना और उच्चतम स्तरीय विधायिका की स्थापना करना है।
Position of Legislative Council in India:
The Legislative Council in India is established as a deliberative and protective body in the Indian Constitution. It is created by the states’ legislative assemblies and its primary purpose is to establish a higher-level legislative body for the scrutiny of legislative matters.
Here are the main characteristics of the Legislative Council:
- Bicameral System: The Legislative Council is bicameral, meaning it uses both of the state’s official languages.
- Article 169: Article 169 of the Indian Constitution outlines the special provisions and structure of the Legislative Council.
- Number of Members: The number of members in the Legislative Council is determined based on the population of different states, but it can’t exceed one-third of the total number of members in the Legislative Assembly.
- Member Selection: Members of the Legislative Council are selected through elections, but the process of selection differs from that of the Legislative Assembly.
- Purpose: The primary purpose of the Legislative Council is to provide a higher-level forum for the scrutiny of legislative matters by members.
- Protective Role: The Legislative Council plays a protective role, allowing the state legislature’s laws to be referred to the higher judiciary for approval and scrutiny.
- States with Councils: Legislative Councils are present in the states of Andhra Pradesh, Karnataka, Maharashtra, Uttar Pradesh, Telangana, Bihar, Jammu and Kashmir, and Kerala.
The Legislative Council in India follows this important structure with the aim of ensuring judicial scrutiny in state legislation and establishing a higher legislative body.