भारतीय संसदीय सरकार की विशेषताएँ (Features of the Indian Parliamentary Government) निम्नलिखित हैं:
- द्वैतीय कार्यपालिका (Dual Executive): भारत में संसदीय सरकार एक द्वैतीय कार्यपालिका प्रणाली का पालन करती है, जिसमें दो कार्यपालिका प्रमुख होते हैं। राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य के सर्वोच्च सिंहासन के चिन्ह होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख कार्यपालिका होते हैं। राष्ट्रपति की भूमिका प्रमुखतः प्रतीकात्मक होती है, जबकि प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के हाथ में वास्तविक कार्यपालिका प्राधिकृत्य होती है।
- संघीय जिम्मेदारी (Collective Responsibility): संसदीय सरकार के मंत्रिपरिषद, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, लोकसभा के प्रति संघीय जिम्मेदार होती है। अगर मंत्रिपरिषद लोकसभा के विश्वास को हर देती है, तो उसे इस्तीफा देना होता है। यह सरकार को चुने गए प्रतिनिधियों के सामने जवाबदेह बनाता है।
- बहुमत पार्टी की नेतृत्व (Majority Party Leadership): प्रधानमंत्री आमतौर पर वह राजनीतिक पार्टी या गठबंधन के नेता होते हैं जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त करता है। राष्ट्रपति आमतौर पर सबसे बड़े पार्टी के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं।
- बहुमत नियम (Majority Rule): सरकार वह राजनीतिक पार्टी या गठबंधन द्वारा बनाई जाती है जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त करता है। इस पार्टी के नेता प्रधानमंत्री बनते हैं।
- कार्यपालिका और विधायिका के बीच घनिष्ठ संबंध (Close Relationship Between Executive and Legislature): कार्यपालिका और विधायिका के बीच एक घनिष्ठ संबंध होता है। मंत्रिपरिषद के सदस्य संसद से चुने जाते हैं और उनका विधायिका के प्रति जिम्मेदारी होता है।
- प्रधानमंत्री की भूमिका (Prime Minister’s Role): प्रधानमंत्री सरकार के मुख्य होते हैं और कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग करते हैं। उन्हें सरकारी नीतियों का तय करने का अधिकार होता है, उन्हीं को कार्रवाई करना होता है, वे देश का प्रतिनिधित्व घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते हैं, और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- प्रश्न घंटा और वाद-विवाद (Question Hour and Debates): लोकसभा में प्रश्न घंटा सदस्यों को मंत्रियों से सवाल पूछने और उनके खिलाफ जवाब प्राप्त करने की अनुमति देता है। पार्लियामेंट के दोनों सदनों में विभिन्न मुद्दों पर वाद-विवाद की प्रक्रिया होती है, जो चर्चा और निगरानी के लिए एक मंच प्रदान करती है।
- अस्थायी कार्यकाल (Temporary Tenure): सरकार की कार्यकाल लोकसभा के विश्वास पर निर्भर होती है। अगर सरकार एक विश्वास मत हारती है या कोई महत्वपूर्ण विधेयक में हारती है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ सकता है, जिससे पूर्व निर्वाचनों का आयोजन हो सकता है।
- लचीलाता (Flexibility): पार्लियामेंटीय प्रणाली फ़ौरन निर्णय लेने और बदलती परिस्थितियों के साथ अनुकूलन करने की सुविधा प्रदान करती है, क्योंकि कार्यपालिका और विधायिका शाखाओं के बीच चिरपिण्ड संबंध होता है।
- प्रतिपक्ष की भूमिका (Opposition’s Role): विपक्षी पार्टियाँ सरकार के कार्रवाई, नीतियों और निर्णयों का प्रश्न करने और जांचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- कार्यकारी और विधायिका के बीच कोई विभाजन नहीं (No Separation of Powers): भारतीय संसदीय प्रणाली में कार्यकारी और विधायिका के बीच कोई सख्त विभाजन नहीं है। यहां पर दोनों शाखाओं के बीच एक महत्वपूर्ण ओवरलैप होता है।
- सरकार का सततता (Continuity of Government): सरकारी संकट के समय, एक नई सरकार को तेजी से बनाया जा सकता है, या तो विश्वास मत के माध्यम से, या सबसे बड़े पार्टी या गठबंधन के नेता को आमंत्रित करके।
- मंत्रिपरिषद का मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस (Cabinet Model of Governance): भारतीय संसदीय प्रणाली मंत्रिपरिषद का मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस अनुसरण करती है, जहां कार्यकारी निर्णय संघ के मंत्रिपरिषद द्वारा साझा रूप से लिया जाता है, और प्रधानमंत्री एक महत्वपूर्ण समन्वय भूमिका निभाते हैं।
- जवाबदेही (Accountability): सरकार लोकसभा के सामने जवाबदेह होती है और अपने कार्रवाई और नीतियों के बारे में नियमित रूप से रिपोर्ट करनी होती है।
- कोई निर्धारित कार्यकाल नहीं (No Fixed Terms): संसदीय प्रणाली का अवधान स्थायी नहीं होता है, बल्कि यह लोकसभा के विश्वास पर निर्भर होता है, जिससे सरकारी कार्यकाल की अलग-अलग अवधियों का हो सकता है।
भारतीय संसदीय प्रणाली का उद्देश्य सत्ता के संतुलन को सुनिश्चित करना, जवाबदेही को बनाए रखना, और कार्यशील सरकार को बनाने के लिए कार्यपालिका और विधायिका के कार्यों को बड़े हिस्से में मिलाकर बनाने का है।
The features of India’s parliamentary government system in English:
- Dual Executive: India follows a dual executive system in which the President is the ceremonial head of the nation, while the Prime Minister is the head of the government with real executive powers. The President’s role is mostly symbolic, while the actual exercise of executive authority lies with the Prime Minister and the Council of Ministers.
- Collective Responsibility: The Council of Ministers, under the leadership of the Prime Minister, is collectively responsible to the Lok Sabha (House of the People). If the Council of Ministers loses the confidence of the Lok Sabha, it must resign. This ensures accountability of the government to the elected representatives.
- Majority Party Leadership: The Prime Minister is usually the leader of the political party or coalition that secures the majority of seats in the Lok Sabha. The President typically invites the leader of the largest party to form the government.
- Majority Rule: The government is formed by the political party or coalition that wins a majority in the Lok Sabha. This party’s leader becomes the Prime Minister.
- Close Relationship Between Executive and Legislature: There is a close relationship between the executive and legislative branches of government. Members of the Council of Ministers are drawn from the Parliament and are responsible to it.
- Prime Minister’s Role: The Prime Minister is the head of the government and exercises executive powers. They formulate government policies, implement them, represent the country domestically and internationally, and are responsible for administration.
- Question Hour and Debates: The Question Hour in the Lok Sabha allows members to question and seek answers from ministers. Both houses of Parliament engage in debates on various issues, providing a platform for discussion and scrutiny.
- Temporary Tenure: The government’s tenure is contingent on the confidence of the Lok Sabha. If the government loses a vote of confidence or a crucial bill, it may be required to resign, leading to early elections.
- Flexibility: The parliamentary system allows for quick decision-making and adaptability to changing circumstances, as the executive and legislative branches have significant overlap.
- Opposition’s Role: Opposition parties play a critical role in questioning and scrutinizing the government’s actions, policies, and decisions.
- No Separation of Powers: Unlike presidential systems, India’s parliamentary system does not have a strict separation of powers. There is a significant overlap between the executive and legislative branches.
- Continuity of Government: In times of governmental crisis, a new government can be formed quickly, either through a vote of confidence or by inviting the leader of the largest party or coalition.
- Cabinet Model of Governance: India’s parliamentary system follows the Cabinet model of governance, where executive decisions are collectively taken by the Council of Ministers, and the Prime Minister plays a central coordinating role.
- Accountability: The government is accountable to the Lok Sabha and must regularly report on its actions and policies.
- No Fixed Terms: Unlike presidential systems with fixed terms, the parliamentary system’s duration depends on the confidence of the Lok Sabha, which can lead to varying lengths of government tenures.
India’s parliamentary system aims to maintain a balance of power, ensure accountability, and create an efficient government by merging executive and legislative functions to a significant extent.