कंपनी के अधीन गवर्नर-जनरल (Governor-General under the Company) भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन काल में भारत के प्रमुख प्रशासनिक पद होते थे। इन पदों के धारक ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होते थे और वे कंपनी की होनहारी कार्यवाही का संचालन करते थे। यहां विस्तार से जानकारी दी गई है:
- वॉरेन हैस्टिंग्स (1773-1785):
- वॉरेन हैस्टिंग्स को पहले गवर्नर-जनरल के रूप में नियुक्त किया गया।
- उनके काल में पितृकारण अधिनियम और वर्जिनिया अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
2.कॉर्नवॉलिस (1786-1793):
- लॉर्ड कॉर्नवॉलिस ने वॉरेन हैस्टिंग्स के बाद गवर्नर-जनरल का पद संभाला।
- उन्होंने परमाणु युद्ध का किया प्रारंभ और बंगाल में पारमाणविक कारख़ानों का निर्माण किया।
3. लॉर्ड वेलेसली (1798-1805):
- लॉर्ड वेलेजली के काल में मैसूर और मराठों के खिलाफ युद्ध किए गए, जिनमें सिपाही मुटिनी (1799) और आसिर्गढ़ (1803) की लड़ाइयाँ शामिल थीं।
4. लॉर्ड हार्डिंज (1848-1856):
- लॉर्ड हार्डिंज के प्रमुख कार्यकाल के दौरान, पंजाब की जीत (1849) और बराकपुर की संधि (1856) की घटनाएँ घटित हुईं, जिसमें ब्रिटिश शासन को पूरे उत्तर भारत में स्थापित करने का मार्ग प्रस्तुत किया गया।
5. लॉर्ड डलहौजी (1848):
- लॉर्ड डलहौजी को केवल 1848 में कार्यभार दिया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यकाल के दौरान सिक्खों के खिलाफ दो युद्ध किए, जिनमें जलियांवाला बाग का मास्साकर था।
6. लॉर्ड कर्झन (1856-1858):
- लॉर्ड कर्जन के काल में 1857 की क्रांति और बरीली की लड़ाई घटित हुईं, जिनमें ब्रिटिश सरकार को भारत में भारतीय सिपाहियों के खिलाफ मुकाबला करना पड़ा।
7. लॉर्ड कैनिंग (1858-1862):
- लॉर्ड कैनिंग के प्रमुख कार्यकाल के दौरान, भारतीय उपमहाद्वीप के प्रतिनिधित्व के रूप में भारतीय सरकार की स्थापना की गई और 1858 के बाद वह प्रांत बन गया जो भारतीय राज के अंतर्गत आता था।
कंपनी के अधीन गवर्नर-जनरल के दौरान, भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश शासन की नींव रखी गई और उन्होंने भारतीय सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक इतिहास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
Governors-General under the British East India Company were key administrative figures in British India during the Company’s rule. They represented the British government and oversaw the Company’s operations. Here is detailed information about some of the prominent Governors-General:
- Warren Hastings (1773-1785):
- Warren Hastings was the first Governor-General and was appointed to the position.
- During his tenure, significant acts like the Regulating Act and the Pitt’s India Act were enacted.
2. Lord Cornwallis (1786-1793):
- Lord Cornwallis assumed the role of Governor-General after Warren Hastings.
- He initiated administrative reforms and introduced the Permanent Settlement in Bengal.
3. Lord Wellesley (1798-1805):
- Lord Wellesley was known for his aggressive policies and wars against Tipu Sultan of Mysore and Marathas.
- The Second Anglo-Maratha War and the Mysore Wars took place during his tenure.
4. Lord Hardinge (1848-1856):
- Lord Hardinge served during a critical period when the British faced the Sikh Wars, including the Battle of Sobraon.
- He also witnessed the signing of the Treaty of Bhyroval in 1849.
5. Lord Dalhousie (1848):
- Lord Dalhousie held the position for a short time in 1848.
- He is best known for the annexation of Punjab and the controversial Doctrine of Lapse policy.
6. Lord Canning (1856-1858):
- Lord Canning presided over one of the most tumultuous periods in Indian history, including the Indian Rebellion of 1857.
- He introduced the Act for the Better Government of India in 1858, transferring control from the Company to the British Crown.
7. Lord Canning (1858-1862):
- Lord Canning continued as Governor-General after the transfer of power from the Company to the Crown.
- He played a crucial role in stabilizing India after the 1857 revolt.
These Governors-General played pivotal roles in shaping British India’s governance, policies, and relationships with Indian princely states and territories. Their tenures saw significant developments and events that had far-reaching consequences for India’s history.