भारत में संसद का संगठन
भारतीय संसद दो सदनों से मिलकर बना होता है – एक है राज्य सभा और दूसरा है लोक सभा। यहां निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया गया है:
- राज्य सभा (सदन एक): राज्य सभा को उपयोगी आयोग के रूप में भी जाना जाता है। इसमें राज्यों के प्रतिष्ठित नागरिकों को नामित किया जाता है और यह राज्यों की प्रतिनिधित्व करता है।
- लोक सभा (सदन दो): लोक सभा को सीधे लोकों द्वारा चुने गए प्रतिष्ठित नागरिकों की प्रतिनिधित्व करता है। यह सदन सरकारी नीतियों की मंजूरी और विरोध की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संसद की सत्र में कार्यक्रम: संसद के द्विसदनों की सत्र की आयोजन और व्यवस्था का कार्यक्रम चिंतित किया जाता है। सत्रों की अवधि, प्रस्तावित विधेयकों की सूची, और उनके चरणों की योजना तैयार की जाती है।
- पर्याप्त संख्या में सदस्य: लोक सभा की न्यूनतम संख्या को ५२५ और राज्य सभा की २५० निर्धारित की गई है।
- संसद के कार्य: संसद के प्रमुख कार्यों में से एक है नए विधेयकों की स्वीकृति और विदेशी संबंधों की अनुमोदन।
- आयोग और समितियाँ: संसद के कार्यों की विविध पहलुओं के लिए विशेष आयोग और समितियाँ बनाई जाती हैं। ये आयोग और समितियाँ विभिन्न मुद्दों पर संदर्भयात्रा करती हैं और सरकारी नीतियों की सलाह देती हैं।
- विधेयक के पास प्रस्तावना: संसद में प्रस्तावित विधेयकों की प्रस्तावना की विधियों के अनुसार की जाती है। इसके बाद विधेयक की पास पूर्व निर्णय और प्रस्तावित संशोधन की प्रस्तावना होती है।
संसद का संगठन भारतीय संविधान में विशेष रूप से व्यावसायिकता और विधायिका क्षमताओं की सुरक्षा करता है, जो देश के लोगों के हित में कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन करते हैं।
Organization of Parliament in India
The Indian Parliament is composed of two houses – one is the Rajya Sabha (Council of States), and the other is the Lok Sabha (House of the People). Here are some important points regarding the organization of the Parliament:
- Rajya Sabha (Council of States): The Rajya Sabha is also known as the Council of States. It consists of representatives nominated by the respected citizens of the states and represents the states’ interests.
- Lok Sabha (House of the People): The Lok Sabha directly represents the people as it consists of representatives elected by the people. This house plays a crucial role in approving and opposing government policies.
- Session Planning: The organization and scheduling of sessions for both houses of Parliament are carefully planned. The duration of the sessions, the list of proposed bills, and the plan for their stages are prepared.
- Adequate Membership: The Lok Sabha has a minimum of 525 members, and the Rajya Sabha has 250 members as specified.
- Functions of Parliament: One of the key functions of Parliament is to approve new bills and ratify foreign relations.
- Committees and Commissions: Special committees and commissions are formed for various aspects of Parliament’s work. These committees and commissions undertake studies and provide advice on various issues and offer suggestions on government policies.
- Presentation of Bills: The introduction of proposed bills in Parliament follows specific procedures. Afterward, the bill goes through pre-discussion and presentation of proposed amendments.
The organization of Parliament in India is designed to protect and uphold professionalism and legislative capacities as enshrined in the Indian Constitution. These bodies undertake various significant activities for the betterment of the nation and its citizens.