Author name: Somya Suman

क्राउन रूल 1858-1947 (Crown Rule)

भारत में क्राउन रूल (1858-1947) उस अवधि को सूचित करता है जब ब्रिटिश क्राउन, ब्रिटिश मोनार्क के प्रतिनिधित्व में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से सीधे भारत का नियंत्रण लिया। इस युग को ब्रिटिश राज के नाम से भी जाना जाता है, और इसमें ब्रिटिश उपनिवेशी प्रशासन और भारतीय स्वतंत्रता की संघर्ष की एक महत्वपूर्ण दौर …

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प्रस्तावना के मुख्य शब्द (Key words of introduction)

ये प्राम्भिक शब्द संविधान के मूल मूल्यों और नीतियों को प्रतिष्ठित करते हैं, और भारतीय संविधान के आधार और लक्ष्यों को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। The Preamble of the Constitution of India contains several keywords and phrases that are central to understanding the principles and objectives of the Constitution. Here are the keywords and …

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राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति (Constitutional position of the President)

भारत के राष्ट्रपति की संविधानिक स्थिति का विवरण निम्नलिखित है: भारत के राष्ट्रपति का संविधानिक स्थिति केवल प्रतीकात्मक बल्कि तत्वगत शक्तियों के साथ होती है। हालांकि उनकी कुछ भूमिकाएँ पूरी तरह से समारोहिक होती हैं, अन्य महत्वपूर्ण हैं, जो भारत के लोकतंत्रिक प्रणाली के प्रभावी कामकाज में योगदान करती हैं। The constitutional position of the …

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कार्यालय की अवधि (Term of Office)

भारत में “कार्यालय की अवधि” व्यक्तियों के विभिन्न सार्वजनिक पदों पर कितने समय तक कार्यभार निभाएं जाते हैं, इसे सूचित करती है। इन अवधियों को भारतीय संविधान और अन्य संबंधित कानूनों द्वारा परिभाषित किया गया है ताकि सरकार का उचित कामकाज और संचालन सुनिश्चित किया जा सके। यहां भारत में विभिन्न सार्वजनिक पदों के लिए …

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राष्ट्रपति की शक्तियाँ एवं कार्य (Powers and functions of the President)

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों और कार्यों का विवरण भारतीय संविधान में दिया गया है। राष्ट्रपति केवल सूचने वाला प्रमुख होते हैं और विभिन्न भूमिकाओं और कार्यों का पालन करते हैं, जो विस्तार से निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं: राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य लार्वा स्वरूपी हैं, और इनमें से अधिकांश को मंत्रिपरिषद की सलाह …

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संविधान सभा की आलोचनाएँ (Criticisms of the Constituent Assembly)

भारतीय संविधान सभा को, जिसका भारतीय संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने का कार्य था, को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक संस्था के रूप में माना जाता है। हालांकि, जैसे किसी महत्वपूर्ण प्रयास में, इस पर भी आलोचना की गई। यहां भारतीय संविधान सभा के खिलाफ दर्जनों आलोचनाएँ हैं: इन आलोचनाओं के बावजूद, महत्वपूर्ण है कि भारतीय …

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राज्य को पुनर्गठित करने की संसद की शक्ति (Parliament’s Power to Reorganise the States)

संसद को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुनर्गठन प्रक्रिया के माध्यम से राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का पुनर्गठन का अधिकार है। यह अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 से प्राप्त होता है, जिसमें मौजूद राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की सीमाओं, नामों और क्षेत्रों को बदलने की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। …

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राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का विकास (Evolution of State and Union Terriories)

भारत में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का विकास एक गतिशील प्रक्रिया है जिसमें समय के साथ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इसमें ऐतिहासिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, भाषाई और सांस्कृतिक कारक दिखाई देते हैं। यहां भारत में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विकास का एक अवलोकन है: राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की राजनीतिक और प्रशासनिक …

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संविधान के भाग के रूप में प्रस्तावना (Preamble as part of the Constitution)

भारतीय संविधान का प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह सिखाता है कि प्रस्तावना के कारण संविधान का महत्व क्या है। यहां प्रस्तावना के महत्व के कुछ पहलू हैं: प्रस्तावना संविधान के एक आंशिक होने के बावजूद भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मानी जाती है। यह संविधान के …

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भारत की अंतरिम सरकार 1946 में (Interim Government of India in 1946)

Members Portfolios Held Jawaharlal Nehru External Affairs & Commonwealth Relations Sardar Vallabhbhai Patal Home, Information & Broadcasting Dr. Rajendra Prasad Food & Agriculture Dr. John Mathai Industries and Supplies Jagjivan Ram Labour Sardar Baldev Singh Defense C. H. Bhabha Works, Mines & Power Liaquat Ali Khan Finance Abdur Rab Nishtar Posts & Air Asaf Ali …

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