आधुनिक भारत में उत्तरकालीन मुग़ल सम्राटों का शासनकाल:
आधुनिक भारत के इतिहास में, उत्तरकालीन मुग़ल सम्राटों का शासनकाल 18वीं और 19वीं सदी में था, और यह अवसर था जब मुग़ल साम्राज्य की स्थिति विशेष रूप से कमजोर हो गई थी। इस काल में, मुग़ल सम्राटों की सत्ता और प्राधिकृति में गिरावट हुई और भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में यह अहम दशक था। यहाँ हम उत्तरकालीन मुग़ल सम्राटों के शासनकाल के विवरण के साथ इसके महत्वपूर्ण पहलुओं को देखेंगे:
- बहादुर शाह II (1707-1712): बहादुर शाह I की मौत के बाद, उनके पुत्र बहादुर शाह II ने मुग़ल साम्राज्य के अध्यक्ष पद पर आया, लेकिन उनके शासनकाल में साम्राज्य का अधिकांश हिस्सा खो दिया और वे उत्तर भारत में सिख और हिन्दू लोगों के खिलाफ अत्यधिक द्रविद की दरबार में दिनों की बदमाशी की गंभीर संघर्ष का सामना करना पड़ा।
- जहाँदर शाह (1712-1713): बहादुर शाह II की मौत के बाद, उनके पुत्र जहाँदर शाह ने सम्राट की शक्ति को पुनर्निर्माण करने का प्रयास किया, लेकिन उनके छापे का साम्राज्य की व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए बना, और वह क्षीण धन्य और अन्यायपूर्ण थे।
- फर्रुख़ सीर (1713-1719): जहाँदर शाह के बाद उनके भाई फर्रुख़ सीर ने सम्राट की सिंहासन की लालाज़ की, लेकिन उनके शासनकाल में भी सम्राज्य की स्थिति नहीं सुधार सकी, और उन्हें दिल्ली के उपनाम पर “ज़ुबर-उल्दौला” दिया गया।
- रफी उल-मुमलूक (1719): फर्रुख़ सीर के बाद, एक छोटे समय के लिए, रफी उल-मुमलूक ने सम्राट का उपनाम अधिक किया, लेकिन उनका शासन भी अस्थायी था।
- नादिर शाह (1739): मुग़ल सम्राज्य की दुर्बल स्थिति को पुष्टि करते हुए, नादिर शाह अफग़ानिस्तान से आक्रमण करके दिल्ली को लूटा और ध्वस्त किया, जिससे मुग़ल साम्राज्य की स्थिति और भी कमजोर हो गई।
- अहमद शाह अब्दाली (1747-1754): अहमद शाह अब्दाली के साथ हुए युद्धों में मुग़ल साम्राज्य ने और भी आत्म-घातक खो दिया, और उन्हें दिल्ली से बाहर निकलना पड़ा।
- शाह आलम II (1760-1788): अब्दाली के बाद, मुग़ल सम्राज्य का संकट जारी रहा, और शाह आलम II के शासनकाल में भी उन्होंने सिर्फ नाम मात्र के साम्राज्य का प्रबंधन किया, और उनकी यह कोशिश भी विफल रही।
- अकबर शाह II (1806-1837): अकबर शाह II के शासनकाल में विभिन्न शासकों ने उनके साम्राज्य की अधिकांश सत्ता को अपने पास कर लिया, और इसके परिणामस्वरूप, मुग़ल साम्राज्य की अंतिम छाया भी खो दी।
इसके बाद, मुग़ल साम्राज्य का आधा दरबारी अधिकार समाप्त हो गया, और वह अपनी ताक़तों को खो बैठा। आधुनिक भारत के इतिहास में उत्तरकालीन मुग़ल सम्राटों के शासनकाल के दौरान, मुग़ल साम्राज्य का पतन हुआ और भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण चरण समाप्त हुआ, जिससे आगे की दिशा में ब्रिटिश साम्राज्य का आगमन हुआ।
The reign of the later Mughal emperors in modern India:
In the history of modern India, the reign of the later Mughal emperors took place in the 18th and 19th centuries, marking a period when the Mughal Empire was significantly weakened. During this era, the power and influence of the Mughal emperors declined, and it was a crucial phase in the context of Indian history. Let’s look at the details of the reigns of the later Mughal emperors and their significance:
- Bahadur Shah II (1707-1712): After the death of Bahadur Shah I, his son Bahadur Shah II ascended to the throne of the Mughal Empire. However, during his reign, much of the empire’s territory was lost, and he faced serious struggles against the Sikhs and Hindus in North India, leading to his being referred to as “Bahadur Shah Zafar.”
- Jahandar Shah (1712-1713): Following the death of Bahadur Shah II, his son Jahandar Shah attempted to rebuild the emperor’s power. However, he misused his position for personal gain and was marked by a depleted treasury and unjust rule.
- Farrukhsiyar (1713-1719): After Jahandar Shah, his brother Farrukhsiyar briefly ascended to the throne and was recognized as the emperor. However, his rule was short-lived, and his reign was marked by instability.
- Rafi ul-Mumalik (1719): After Farrukhsiyar, Rafi ul-Mumalik briefly assumed the title of emperor. His rule was also short and unstable.
- Nadir Shah (1739): Confirming the weakened state of the Mughal Empire, Nadir Shah of Afghanistan invaded and sacked Delhi in 1739, further weakening the empire’s position.
- Ahmad Shah Abdali (1747-1754): In a series of wars with Ahmad Shah Abdali, the Mughal Empire suffered further losses, and they had to retreat from Delhi.
- Shah Alam II (1760-1788): After Ahmad Shah Abdali’s invasions, the crisis in the Mughal Empire continued. During the reign of Shah Alam II, the empire was further reduced, and he could only manage nominal rule. His efforts to regain power were unsuccessful.
- Akbar Shah II (1806-1837): During the reign of Akbar Shah II, various regional rulers took control of significant parts of his empire, resulting in the final eclipse of the Mughal Empire’s authority.
After this period, the Mughal Empire lost much of its imperial control, and it gradually waned in power. In the history of modern India, the reign of the later Mughal emperors marked a phase where the Mughal Empire’s dominance declined, and it ultimately paved the way for the British East India Company’s arrival and colonization.