भारत में संसद की सत्रें:
- मानक सत्र: मानक सत्र वार्षिक रूप से होता है और यह संसद की कार्यवाही की शुरुआत करता है। इसमें बजट पेश किया जाता है और विभिन्न दलों के सदस्य अपने-अपने विचारों को प्रकट करते हैं।
- बजट सत्र: यह सत्र वार्षिक बजट को पेश करने के लिए होता है और इसमें सरकार की आर्थिक योजनाएँ और वित्तीय मुद्दे चर्चित किए जाते हैं।
- मोनसून सत्र: यह सत्र मानक सत्र के बाद के वर्ष में होता है और कार्यकारी और संविधानिक मुद्दों पर चर्चा का माध्यम बनता है।
- विशेष सत्र: विशेष सत्र जब भी आवश्यक होता है, तब बुलाया जा सकता है। यह मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया जाता है जो अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
- बिंदु-मत सत्र: बिंदु-मत सत्र में विधायिका सभा और राज्यसभा के सदस्यों को किसी विशेष विषय पर मतदान करने के लिए बुलाया जाता है।
- ग्रहण सत्र: ग्रहण सत्र एक छोटी अवधि के लिए होता है, जिसमें विधायिका सभा और राज्यसभा की महत्वपूर्ण विधियाँ और प्रस्तावित विधेयकों को मंजूरी देती हैं।
Sessions of Parliament in India:
- Budget Session: The Budget Session is held annually and marks the beginning of the parliamentary proceedings. The budget is presented during this session, and members of various parties express their opinions.
- Monsoon Session: This session takes place after the Budget Session in the same year and serves as a platform for discussions on executive and constitutional matters.
- Winter Session: The Winter Session is held towards the end of the year and focuses on various legislative and policy issues.
- Special Session: A Special Session can be called whenever necessary. It is convened to discuss matters of exceptional importance.
- Point of Order Session: In this session, members of both the Lok Sabha and the Rajya Sabha vote on a specific issue.
- Adjournment Session: An Adjournment Session is held for a short period, during which important bills and proposed legislation are approved by the Lok Sabha and the Rajya Sabha.
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