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व्यापार करना (Conduct of Business)

यहां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 और 189 का अवलोकन है, जो राज्य विधानमंडल में व्यापार के आचरण से संबंधित हैं:

अनुच्छेद 188: सदस्यों द्वारा शपथ या पुष्टि: इस अनुच्छेद में कहा गया है कि राज्य विधानमंडल के प्रत्येक सदस्य को अपनी सीट पर आने से पहले शपथ या पुष्टि करनी आवश्यक है। शपथ का रूप भारतीय संविधान की तीसरी परिसूची में निर्धारित किया गया है।

अनुच्छेद 189: सदनों में मतदान, पदों के रिक्तताओं के बावजूद सदनों की कार्यवाही की शक्ति और कोरम: यह अनुच्छेद राज्य विधानमंडल के सदनों में व्यापार की कार्यवाही के बारे में है। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं की व्याख्या की गई है:

here’s an overview of Articles 188 and 189 of the Indian Constitution, which pertain to the Conduct of Business in the State Legislature:

Article 188: Oath or Affirmation by Members: This article states that every member of the State Legislature is required to make and subscribe to an oath or affirmation before taking their seat in the legislature. The form of the oath is specified in the Third Schedule of the Constitution.

Article 189: Voting in Houses, Power of Houses to Act notwithstanding Vacancies and Quorum: This article addresses the conduct of business in the Houses of the State Legislature. It outlines the following points:

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