Author name: Somya Suman

संविधान में संशोधन (Amendment of the Constitution)

भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को विस्तार से निम्नलिखित रूप में समझाया जा सकता है: संविधान संशोधन की प्रक्रिया को इस प्रकार की गई है ताकि स्थायी या बिना व्यापक सहमति के भूमिका के प्रामुख बदलाव को बिना बड़ी सहमति या व्यापक सहमति के बिना नहीं किया जा सके। यह संविधान की मौलिक धारा …

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पंचायती राज का विकास (Evolution of Panchayati Raj)

भारत में पंचायती राज की विकास यात्रा एक धीरे-धीरे प्रक्रिया थी, जिसमें विधायिका सुधार और नीतियों में परिवर्तनों के माध्यम से शक्ति का विभाजन करने, स्थानीय प्रशासन को बढ़ावा देने और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में किये गए। यहाँ भारत में पंचायती राज की विकास की धारात्मक विवरण दी गई है: भारत …

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पेसा अधिनियम 1996 (विस्तार अधिनियम) (PESA Act 1996 (Extension Act)

“PESA अधिनियम” से मतलब है “पंचायतों (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996। यह भारत में एक महत्वपूर्ण विधान है जिसका उद्देश्य देश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले जनजाति समुदायों को स्वायत्त शासन और सशक्तिकरण प्रदान करना है। यह अधिनियम इन समुदायों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए पारंपरिक अधिकारों, …

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केंद्र-राज्य संबंधों में रुझान (Trends In Centre-State Relations)

भारतीय राजनीति में केंद्र-राज्य संबंधों के कुछ मुख्य प्रवृत्तियां निम्नलिखित हैं: Here are some key trends in center-state relations in Indian polity: These trends reflect the evolving nature of center-state relations in India’s federal system. While the Constitution delineates the powers of the center and the states, practical cooperation and collaboration are essential to address …

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वित्तीय संबंध (Financial Relations)

भारत की केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संबंधों का विवरण प्राथमिक रूप से भारतीय संविधान के प्रावधानों द्वारा किया जाता है। इन प्रावधानों को मुख्य रूप से संविधान के भाग XII में बताया गया है, जो वित्त, उधारण और वित्तीय संबंधों से संबंधित है। यहां केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संबंधों …

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विधायी संबंध (Legislative Relations)

भारत में साक्षर रिश्तों का मतलब संविधान द्वारा परिभाषित संघ और राज्य सरकारों के बीच कानून निर्माण की शक्तियों का वितरण होता है। ये संविधान के अनुच्छेद 245 से 255 में विशेष रूप से उल्लिखित हैं। इन साक्षर रिश्तों के अनुसार, संघ और राज्य सरकारों को अपने संबंधित क्षेत्रों में कानून बनाने का अधिकार है। …

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राष्ट्रपति शासन (President’s Rule)

राष्ट्रपति शासन (President’s Rule)राष्ट्रपति शासन, जिसे राज्य आपातकाल या गवर्नर्स रूल भी कहा जाता है, एक प्रावधान है जो भारतीय संविधान में दिए गए हैं जिसके तहत किसी विशेष परिस्थिति में राज्य सरकार को सस्पेंड करने और राष्ट्रपति के द्वारा सीधे शासन लागू करने की अनुमति दी जाती है। इस प्रावधान का विवरण भारतीय संविधान …

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वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency)

वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसे अनुच्छेद 360 (Article 360) में उल्लिखित किया गया है। यह एक विशेष प्रकार का आपातकाल है जो केंद्र सरकार को राज्यों के वित्तीय परिस्थितियों पर नियंत्रण प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह वित्तीय संकट के आपातकाल के रूप में जाना जाता है। …

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आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)

भारतीय संविधान में असाधारण परिस्थितियों के समय सरकार को अतिशक्तियां प्राप्त करने के लिए कई आपातकालीन प्रावधान होते हैं। ये प्रावधान संविधान के भाग XVIII में होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से तीन प्रकार की आपातकालिन परिस्थितियां होती हैं: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपातकालिन प्रावधानों का उपयोग केवल असाधारण परिस्थितियों में और केवल …

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