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Indian Polity

निदेशक सिद्धांतों की आलोचना (Criticism Of the Directive Principles)

नीतिक दिशाएँ या ‘नीति मौलिक दिशाएँ’ की भारतीय संविधान की क्रितिका की विवादित मुद्दे उनके शुरूआत से ही एक विवाद का विषय रहे हैं। हालांकि ये संविधान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, लेकिन इन पर कई मुद्दे पर क्रितिका की गई है: नीतियों …

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शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation)

“शोषण के खिलाफ अधिकार” भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 के तहत गारंटी किए गए मौलिक अधिकारों में से एक है। इस अधिकार का उद्देश्य व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के शोषण से सुरक्षित करना है, खासतर उन बातों से जुड़ा हुआ जो बलात्कार, अवैध श्रम, और बाल श्रम को शामिल करते हैं। यहां “शोषण …

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आयोग की शक्तियाँ (Powers of the Commission)

भारत में राष्ट्रीय अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग (National Commission for Scheduled Castes – NCSC) को अनुसूचित जातियों (SCs) के अधिकारों और हितों की सुरक्षा करने और उनके सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यों और शक्तियों से युक्त किया गया है। NCSC की कुंजी-कुंजी शक्तियाँ और कार्य निम्नलिखित हैं: …

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यूपीएससी से संबंधित अनुच्छेद (Article Related to UPSC )

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 तक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (Union Public Service Commission – UPSC) के स्थापना और कार्यों से संबंधित हैं। निम्नलिखित हैं इन अनुच्छेदों का संक्षेप: अनुच्छेद 315: इस अनुच्छेद में UPSC को एक संविधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया है और इसके सदस्यों की नियुक्ति और कार्यकाल …

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राज्य लोक सेवा आयोग: स्वतंत्रता (State Public Service Commission: Independence)

राज्य सार्वभौमिक सेवा आयोगों (State Public Service Commissions – SPSCs) की स्वतंत्रता भारत में उनके प्रभावी कामकाज और भर्ती प्रक्रियाओं की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। SPSCs के डिज़ाइन का उद्देश्य है कि वे अत्यंत संवादनशील तंत्र हों, जितना संभव हो सके बाहरी प्रभावों से अलग हो। यहां उनकी स्वतंत्रता के कुछ …

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निदेशक सिद्धांतों का वर्गीकरण (Classification of the Directive Principles)

भारतीय संविधान में, राज्य के दिशा-निर्देश (Directive Principles of State Policy – DPSP) राज्य सरकार को नीतियों को तैयार करते समय और कानून बनाते समय मार्गदर्शन और सिफारिशें प्रदान करते हैं। ये दिशा-निर्देश कोर्टों द्वारा कानूनी रूप से प्रयोज्य नहीं होते हैं, लेकिन सरकार को न्यायपूर्ण और समानित समाज बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करने …

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भारत में निष्कासन (Removal in India)

संघ सार्वभौमिक सेवा आयोग (Union Public Service Commission – UPSC) के सदस्यों को भारत में हटाने की प्रक्रिया को भारतीय संविधान के आलेख 317 द्वारा नियंत्रित किया जाता है। आलेख 317 में UPSC के सदस्यों को हटाने और निलंबित करने की प्रक्रिया का विवरण होता है। निम्नलिखित हैं UPSC सदस्यों को हटाने के संबंधित मुख्य …

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शक्ति एवं कार्य (Power and Functions )

भारत में, शक्ति और कार्यों का वितरण एक संघटनीय तंत्र द्वारा नियामित होता है, जहां अधिकार केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच बाँटा जाता है। यह विभाजन भारतीय संविधान में बताया जाता है, और यह दोनों सरकारों के हर स्तर के कार्यों और अधिकारों को निश्चित करता है ताकि कुशल प्रशासन हो सके। यहां, …

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दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law)

भारत में विधायिका परिपरिवर्तन नियम, जिसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाया गया था, भारतीय संविधान के दसवें अनुसूची (टेन्थ स्केज़्यूल) में शामिल है। यह नियम 1985 में संविधान में शामिल किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य चुने गए प्रतिनिधियों के दल बदलने के मामले का समाधान करना है। इसका उद्देश्य यह है कि …

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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से संबंधित अनुच्छेद (Article Related to Comptroller and Auditor-General of India)

यहां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 से 151 तक के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी है जो भारतीय संविधान के लिए अंतर्निहित संविधान और महालक्ष्मी को लेकर है: अनुच्छेद 148 – भारत के लेखा और महालेखा निरीक्षक: अनुच्छेद 149 – CAG के कर्तव्य और शक्तियां: अनुच्छेद 150 – संघ और राज्यों के खातों का रूप: …

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