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Indian Polity

सदस्यों की अयोग्यताएँ (Disqualifications of Members)

यहां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 190 से 193 तक का अवलोकन है, जो राज्य विधानमंडल में सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित हैं: अनुच्छेद 190: सीटों की रिक्ति: इस अनुच्छेद में उन परिस्थितियों की चर्चा की गई है जिनके तहत राज्य विधानमंडल के सदस्य अपनी सीट खाली कर देंगे। ये परिस्थितियाँ समर्पण, अयोग्यता, अनुपस्थिति आदि को …

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न्यायालय की प्रक्रिया (Procedure of the court)

भारतीय सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया के बारे में जानकारी: 1. मामलों की दाखिली: सुप्रीम कोर्ट में मामलों की शुरुआत वकील द्वारा होती है, जो मुक़दमा-दारों की प्रतिनिधित्व करते हैं। मामलों के दस्तावेज़ और प्रमाण प्रस्तुत किए जाते हैं। 2. सुनवाई की तारीख: मामले को एक निर्णयक तारीख पर सुनवाई के लिए प्राधिकृत किया जाता है। …

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प्रशासनिक संबंध (Administrative Relations)

Administrative relations between the central government and state governments in India are primarily governed by Articles 256 to 263 of the Indian Constitution. These articles lay down the framework for cooperation, coordination, and delegation of administrative responsibilities between the two levels of government. Here is an overview of the key provisions: Article 256 (Obligation of …

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भाग IV के बाहर निर्देश (Directives Outsides Part IV)

भाग IV (राज्य नीति के निर्देश) के बाहर कुछ निर्देश या प्रावधान प्रदान करते हैं। यहां आपके द्वारा उल्लिखित अनुच्छेदों का विवरण है: ये अनुच्छेद विशेष निर्देश और प्रावधान देने वाले अनुच्छेद हैं जो भारतीय संविधान के विभिन्न भागों में हैं, और जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण, भाषाई अल्पसंख्यकों की शिक्षा …

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केंद्रशासित प्रदेशों से संबंधित अनुच्छेद (Article Related to Union Territories)

यहां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239 से 242 तक का संक्षेप है जो संघ शासित प्रदेशों (यूनियन टेरिटरीज) से संबंधित है: इन अनुच्छेदों का समूह भारत में यूनियन टेरिटरीज के प्रशासन और शासन की अधिकृत रूप से प्रदान करता है। ये अनुच्छेद यूनियन टेरिटरीज के बारे में राष्ट्रपति, पार्लियामेंट और अन्य प्राधिकृतियों के अधिकारों और …

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संसदीय प्रणाली अपनाने के कारण (Reasons for Adopting the Parliamentary System)

एक विशेष सरकारी प्रणाली, जैसे कि संसदीय प्रणाली, को अपनाने का निर्णय लेने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं जो उस देश के ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक संदर्भों के लिए विशेष हो सकते हैं। यहां कुछ कारण हैं जो भारत में संसदीय प्रणाली के अपनाने को जायज़ कर सकते हैं: ध्यान देने योग्य है …

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संविधान की एकात्मक विशेषताएं (Unitary Features of the Constitution)

भारतीय संविधान का एक तथा एकीकृत संरचना का पूरी तरह से पालन करने वाले यूनिटरी लक्षण है, जो इसे क्वासी-फेडरल संविधान बनाते हैं। जबकि यह केंद्रीय और राज्य सरकारों के लिए अलग-अलग शक्तियों की स्थापना करता है, तो यह कुछ यूनिटरी या केंद्रीकृत विशेषताएं भी शामिल करता है। यहां कुछ भारतीय संविधान की यूनिटरी विशेषताएं …

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संविधान की मूल संरचना (Basic Structure of the Constitution)

“संविधान की मौलिक संरचना” की डॉक्ट्रिन भारतीय संविधान के किसी भी धारे में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है। बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसलों के माध्यम से विकसित एक कानूनी सिद्धांत है। इस डॉक्ट्रिन का मूल उद्देश्य है कि भारतीय संविधान की कुछ मौलिक विशेषताएं या आवश्यक गुण भारतीय संसद द्वारा संशोधित …

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एसपीएससी से संबंधित अनुच्छेद (Article Related to SPSC)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 तक, जो राज्य सार्वभौमिक सेवा आयोगों (SPSCs) से संबंधित हैं: अनुच्छेद 315: संघ और राज्यों के लिए सार्वभौमिक सेवा आयोग अनुच्छेद 316: सदस्यों के पदनाम और कार्यकाल का नियुक्ति और अवधि अनुच्छेद 316 में सदस्यों के पदनाम और सार्वभौमिक सेवा आयोग के सदस्यों के नियुक्ति और कार्यकाल की …

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निदेशक सिद्धांतों की उपयोगिता (Utility of Directive Principles)

राज्य नीति के सिद्धांतों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि ये सरकार को कानून और नीतियों का आदर्श देते हैं। जबकि ये न्यायालयों द्वारा कानूनी रूप से प्रवर्तनीय नहीं हैं, वे सरकारी कार्यवाहिकी और नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण और मान्यता रखते हैं। यहां निदेशक …

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